इथेरियम क्या है? | इथेरियम की पूरी जानकारी हिंदी में | What is Ethereum in Hindi

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यदि आप ब्लॉकचेन या क्रिप्टो करेंसी में रुचि रखते हैं तो निश्चित ही आपने इथेरियम (Ethereum) का नाम जरूर सुना होगा।

इथेरियम की क्रिप्टो करेंसी ईथर, बिटकॉइन के बाद दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी है।

दरअसल इथेरियम ब्लाकचैन का एक नेटवर्क है और ईथर इसकी क्रिप्टो करेंसी है। बहुत बार हम ईथर को ही इथेरियम कह देते हैं, जबकि इथेरियम एक ब्लॉकचेन तकनीक का नाम है और ईथर उस पर उपयोग होने वाली क्रिप्टो करेंसी है। ईथर को ETH भी लिखा जाता है।

तो चलिए जानते हैं कि इथेरियम क्या है? इथेरियम कैसे बनी इसके उपयोग एवं कुछ इससे जुड़ी बातें

Table of Contents

इथेरियम क्या है? (What is Ethereum ?)

इथेरियम एक डिसेंट्रलाइज्ड अर्थात विकेंद्रित , ओपन सोर्स ब्लॉकचेन है।

इथेरियम एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर कंप्यूटर डेवलपर डिसेंट्रलाइज्ड एप्लीकेशन ब्लॉकचेन पर बना सकते हैं।
यह डेवलपर को स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट लागू करने की सुविधा भी देता है।

आइए इसे एक उदाहरण के द्वारा आसानी से समझने की कोशिश करते हैं।

कार की एप उबेर या ओला को आपने जरूर यूज़ किया होगा।

यह ऐप कस्टमर को ड्राइवर से कनेक्ट कराती है। ड्राइवर कस्टमर को उसकी मंजिल तक पहुंचा देता है और कस्टमर ड्राइवर को पैसे दे देता है।

यह ऐप एक सेंट्रलाइज्ड एप है जो कि किसी कंपनी के पूर्ण नियंत्रण में होती है। इस ऐप के सारे नियंत्रण एवं अधिकार उस कंपनी के पास होते हैं वह कंपनी जब चाहे अपने रेट्स में चेंज कर सकती है, ड्राइवरों के रजिस्ट्रेशन एवं उनको मिलने वाले पेमेंट को भी अपने इच्छा अनुसार घटा बढ़ा सकती है।

इसके विपरीत एक डिसेंट्रलाइज्ड ऐप ऐसी ऐप है जोकि किसी कंपनी के नियंत्रण में नहीं होती इसे ऐसे डिजाइन किया जाता है की सारी कार्यप्रणाली पूर्व निर्धारित नियमों के हिसाब से स्वत: ही चलती रहे।

इस का नियंत्रण इसके सभी यूजर्स के पास हो। जब बहुत सारे यूजर किसी विशेष चेंज को चाहते हैं तब उनके वोटिंग के हिसाब से वह चेंज उस ऐप में किया जाता है।

इथेरियम हमें इस तरह की डिसेंट्रलाइज्ड ऐप बनाने का प्लेटफार्म प्रदान करता है । साथ ही इथेरियम स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के उपयोग से हमें बहुत सी आधुनिक युग की समस्याओं को ब्लॉकचेन के माध्यम से हल करने की सुविधा प्रदान करता है।

उदाहरण के तौर पर बैंकिंग, फाइनेंस, मेडिकल, शिक्षा, खेल इत्यादि।

इथेरियम का इतिहास , इथेरियम को किसने बनाया ? (History of Ethereum , Who made Ethereum)

वर्ष 2013 में एक रशियन कैनेडियन प्रोग्रामर वितालिक ब्युटेरिन (Vitalik Buterin) ने इथेरियम की परिकल्पना की । उस समय वितालिक की उम्र सिर्फ 19 साल थी।

वितालिक बिटकॉइन मैगजीन नामक एक मैगजीन के को फाउंडर है।

उन्हें ऑनलाइन गेम खेलने का बहुत शौक था एक बार ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ने उनके पसंदीदा गेम में कुछ चेंज कर दिए। यह बदलाव वितालिक को बिल्कुल भी पसंद नहीं आए और वितालिक ने सोचा कि कोई ऐसा गेम हो जिसमें चीजें किसी विशेष कंपनी के अधिकार में ना होकर डिसेंट्रलाइज्ड हो।

इस घटना से ही इथेरियम के आईडिया का जन्म हुआ।

वितालिक ने इस आईडिया पर काम शुरू किया और सन 2014 में कुछ अन्य प्रोग्रामस के साथ मिलकर इथेरियम टेक्नोलॉजी को डेवलप किया।

इथेरियम की टीम में वितालिक के साथ गैविन वुड (Gavin Wood), चार्ल्स हॉस्किंसन (Charles Hoskinson) एवं एंथोनी डी लोरीओ (Anthony Di Lorio) भी शामिल थे।

गैविन वुड ने सॉलिडिटी नामक लैंग्वेज को बनाया जिस पर वर्तमान की इथेरियम  टेक्नोलॉजी काम करती है।

एंथोनी डी लोरीओ ने इथेरियम प्रोजेक्ट को फंड किया।

इथेरियम के उपयोग (Usage of Ethereum)

  • बैंकिंग एवं फाइनेंस सेक्टर में उपयोग : इथेरियम स्मार्ट कांट्रैक्ट की सहायता से बैंकिंग एवं फाइनेंस सेक्टर में किए जाने वाले ट्रांसक्शनो को ब्लॉकचेन पर लाकर इसे सरल व तेज बनाया जा सकता है। स्मार्ट कांटेक्ट की मदद से लोन, पेमेंट, इंश्योरेंस इत्यादि प्रोसेस बिना केंद्रीय नियंत्रण के भी आसानी से कि किए जा सकते है। Defi अर्थात डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को नीचे विस्तार से समझाया गया है।

  • डिसेंट्रलाइज्ड एप्लीकेशन बनाने में इथेरियम का उपयोग किया जाता है और इन एप्लीकेशन के माध्यम से वर्तमान की बहुत सी समस्याओं जैसे शिक्षा रोजगार मेडिकल वोटिंग इत्यादि में उपयोग में लाया जा रहा है।

स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट क्या होता है ? स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के उपयोग (What is Smart Contract ? Usage of Smart Contract)

स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट किसी करारनामे का डिजिटल रूप होता है।

जिसमें किसी विशेष कंडीशन के पूर्ण होने पर यह अपने आप दूसरे पूर्व निर्धारित निर्देशों का पालन होने लगता है और इसमें किसी थर्ड पार्टी के कंट्रोल या देखरेख की आवश्यकता नहीं पड़ती।

स्मार्ट कांट्रैक्ट्स में if, else कोडिंग होती है।

उदाहरण के तौर पर समझे :

सुधीर ने विनय को लोन दिया और शर्तों का एक करार नामा किया।
यदि पहले वर्ष में विनय ने 25% लोन चुका दिया तो अगले वर्ष के लिए, विनय को 2% कम ब्याज देना होगा।
और यदि 50% से ज्यादा लोन चुका दिया तो ब्याज 5% कम हो जाएगा।
और यदि 5% से कम लोन चुकाया तो विनय की कार सुधीर के नाम हो जाएगी।

अब इस तरह की शर्तों का लेखा जोखा रखना और क्रियावहन मुश्किल है।

पर यदि यही करार स्मार्ट कांट्रैक्ट्स में हो जाए तो यह सारी शर्ते आसानी से खुद ब खुद execute हो जाएंगी।

इस तरह के digital contract को स्मार्ट कांट्रैक्ट्स कहते हैं।

D-APPS क्या है एवं इसके उपयोग (What is D-APPS and its usage)

D-Apps याने की Decentralised Applications, ऐसी apps जो की बिना किसी केंद्रीय नियंत्रण के अपने आप काम करें। जैसा की ऊपर ओला, उबेर के उदाहरण में समझाया गया है।

हम Facebook, Youtube, Netflix चलाते हैं, यह सब एक कंपनी के नियंत्रण में होता है,

उस पर क्या चलेगा यह कंपनी निर्धारित करती है।

User का data उनके पास होता है, वह अपनी मर्जी से advertisment दिखाते हैं। पब्लिक का कोई कंट्रोल नहीं होता।

D-Apps में सारा नियंत्रण पब्लिक के पास रहेगा। इसके अनेक उपयोग हैं।

यह पारदर्शी तरीके से कार्यों को करने की क्षमता रखता है।

DeFi क्या है? DeFi के उपयोग (What is DeFi ? Usage of DeFi)

DeFi अर्थात डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (Decentralized Finance)

वर्तमान में फाइनेंस सेक्टर पूर्ण रूप से बैंकिंग एवम् अन्य वित्तीय संस्थानों पर निर्भर है।

इसका सारा नियंत्रण इनके पास होता है।

स्मार्ट कांट्रैक्ट्स से फाइनेंस सेक्टर में संस्थानों के नियंत्रण के बिना भी फाइनेंस या वित्तीय लेन देन किये जा सकते हैं।

वर्तमान में कुछ  DEFI exchanges क्रिप्टोकरेंसी के लिए online यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं। जिनमें UNISWAP, CHAINLINK, COMPOUND प्रमुख हैं।

इथेरियम के प्रकार : (Types of Ethereum)

मुख्यत: तीन प्रकार की इथेरियम टोकन सबसे प्रचलित हैं।

ERC-20, ERC-721, ERC-1155

ERC-20 क्या है? (What is ERC-20 ?)

यह FUNGIBLE टोकन के निर्माण के लिए उपयोग होता है। FUNGIBLE का अर्थ है विनिमय।

ऐसा टोकन जो REPLACABLE हो, पर VALUE same रहे, जैसे 100 रु. का कोई भी नोट हो, नया या पुराना दोनों की कीमत 100 रु. ही होगी।

ERC-721 क्या है? (What is ERC-721 ?)

यह NON FUNGIBLE TOKEN (NFT) बनाने के लिए उपयोग होता है।

(NON FUNGIBLE मतलब unique, जिसका और कोई replacement न हो। जैसे मोनालिसा की मशहूर पेंटिंग वो दुनिया में सिर्फ एक ही है, उसका कोई replacement नहीं है)

ERC-1155 क्या है? (What is ERC-1155 ?)

ऐसा ETHEREUM टोकन जो FUNGIBLE और NON FUNGIBLE दोनों type को support करता है। यह advance technology है।

इथेरियम क्लासिक क्या है? (What is Ethereum Classic ?)

शुरुआत में इथेरियम का एक ही नेटवर्क था, परंतु वर्ष 2016 में इस ब्लॉकचेन पर एक हैकिंग अटैक हुआ और 50 मिलियन डॉलर चोरी हो गए।

पुरानी इथेरियम ब्लाकचैन की खामियों को दूर कर नई इथेरियम ब्लॉकचेन का निर्माण किया गया।

इथेरियम की पुरानी ब्लॉकचेन को इथेरियम क्लासिक नाम दिया गया और नई बनी अधिक सिक्योर चेन को इथेरियम कहा जाता है।
इथेरियम क्लासिक की क्रिप्टो करेंसी ETC कहलाती है ।

वर्तमान में हम जिस इथेरियम का अधिक उपयोग कर रहे हैं वह नई बनी इथेरियम ब्लाकचैन ही है।

इथेरियम 2.0 क्या है? (What is Ethereum 2.0 in Hindi)

वर्तमान में इथेरियम , बिटकॉइन की तरह POW consensus पर कार्य करता है जिसमें अत्यधिक ऊर्जा खर्च होती है ।

(POW के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

भविष्य में इथेरियम ब्लॉकचेन POW consensus की जगह POS (Proof of stake) consensus का उपयोग करने वाली है, जिससे ट्रांज़ैक्शन और तेजी से और कम से कम गैस फीस पर हो सकेंगे।

वर्तमान Ethereum नेटवर्क चरणबद्ध तरीके से Ethereum 2.0 की ओर migrate हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है की वर्ष 2023-2024 तक यह कार्य पूरा होगा।

इथेरियम के इस नए version को इथेरियम 2.0 कहा जाता है

POS क्या होता है? (What is POS (Proof of Stake) in Hindi)

POS या Proof of stake,

POW में नेटवर्क से जुड़े सारे माईनरो को कठिन PUZZLE solve करनी पड़ती थी, और जो सबसे पहले solve कर लेता था उसे ब्लॉकचेन पर ट्रांज़ैक्शन वेरिफाई और add करने को मिलता था, जिसके बदले उसे फीस मिलती थी। जो

माईनर puzzle solve नहीं कर पाए उनकी उतनी electricity और computing power waste हो जाती थी।

इसके विपरीत POS में, सारे माईनरो में से randomly कोई एक माईनर चुना जाता है, जो की ट्रांज़ैक्शन को Verify कर के Add करे, और रिवार्ड प्राप्त करे।

इसमें अन्य माईनरो की ऊर्जा waste नहीं होती, साथ ही एक समय में एक से ज्यादा माईनरो से अलग अलग ट्रांज़ैक्शन वेरिफाई करवाये जा सकते हैं।

जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है। इस नई consensus पद्धति को POS कहा जाता है।

इथेरियम में गैस और गैस फीस क्या होती है? (What is Gas and Gas fees in Ethereum?)

ETHEREUM नेटवर्क पर कार्य करने के लिए लगने वाली ऊर्जा को गैस और उसके लिए लगने वाली फीस को गैस फीस कहा जाता है।

किसी ट्रांज़ैक्शन को करने के लिए लगने वाली फीस होती है जो की माईनरो के पास जाती है। इसको मापने की यूनिट Gwei होती है, जो की 10-09 ETH के बराबर होती है।

1 Gwei = 10-09 ETH

इथेरियम एवं ईथर क्रिप्टो करेंसी में अंतर (Difference between Ethereum and Ether (ETH))

Ethereum एक ब्लॉकचेन् है, जबकि ईथर ETH उस ब्लॉकचेन की native क्रिप्टोकरेंसी।

इथेरियम एवं बिटकॉइन में कौन बेहतर है? (Ethereum v/s Bitcoin Which one is better?)

बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है, जबकि इथेरियम एक कार्यप्रणाली है, जिसमें बहुत से अन्य कार्य भी किये जा सकते हैं।

बिटकॉइन की supply निर्धारित है (21 million)

जबकि ETH की supply unlimited है।

बिटकॉइन में ऊर्जा खपत ज्यादा है, ETH 2.0 आने के बाद ETHEREUM नेटवर्क पर ऊर्जा खपत कम हो जाएगी।

बिटकॉइन में एक  ब्लॉक का निर्माण औसतन 10 मिनट में होता है। जबकि इथेरियम में 10 से 20 सेकंड में होता है।

क्या इथेरियम खरीदना चाहिए? इथेरियम में निवेश? (Should we purchase Ethereum ? Investment in Ethereum)

इथेरियम की उपयोगिता बहुत ज्यादा है, भविष्य में जैसे जैसे इथेरियम का उपयोग बढ़ेगा, उसी तरह से ही ETH क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में भी वृद्धि होगी।

भारत में इथेरियम कैसे ख़रीदे? (How to purchase Ethereum in India?)

भारत में प्रचलित बहुत से क्रिप्टोकरेंसी exchanges हैं, जैसे WAZIRX, COINDCX, COINSWITCH KUBER इत्यादि। इनमें एकाउंट बना कर इथेरियम क्रिप्टोकरेंसी को खरीदा बेचा जा सकता है।

आशा करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको इथेरियम के बारे में जानकारी हो गई होगी। इससे संबंधित यदि आपके कोई सुझाव विचार या प्रश्न है तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।

धन्यवाद